Saturday, June 6, 2009

मरीन इंजिनीयर्स निराश क्यों ?

मरीन इंजिनीयर्स निराश क्यों ?

-विनीत गर्ग (5581)

भूमिका:-

सन् 2004 के 20 साल आगे यानी 2024 को सेट-अप है। मैं hopefully शादी-शुदा हूँ, obviously मेरी एक बीवी है और expectedly मेरा एक बेटा है (नाम जो भी हो)। Undoubtedly , मैं दुखी हूँ और ये समझता हूँ कि इसीलिये दुखी हूँ क्योंकि मरीन इंजिनीयर हूँ या इसलिये क्योंकि शादी हो चुकी है। खैर एक दिन प्यार में आकर मैनें अपने बेटे से पूछ लिया कि बेटा तुम क्या करना चाहते हो और उसने मुझे जवाब दिया कि वो मरीन इंजिनीयर बनना चाहता है। बस मेरा दिमाग खराब हो गया वहीं.......

मैं-

अरी भाग्यवान! तुमने मेरे बेटे को ये क्या सिखाया है ?

फूल से बच्चे को ऐसा सपना दिखाया है ?

पत्नी-

अजी, तुम्हारा बेटा भी तुम्हारी ही तरह नालायक है।

और कुछ नहीं, बस ये मरीन इंजिनीयर ही बनने लायक है।।

मैं-

हे भगवान! तूने मेरी जिंदगी में कौन सी ल्यूब ऑइल डाली है!

माँ तो माँ, बेटे की खोपड़ी भी एक दम खाली है।।

रत्ती भर जो शक था वो भी आज साफ हो गया।

तू मेरा ही बेटा है मुझे विश्वास हो गया।।

बेटे इसीलिये, तुमसे हॉरर मुवी देखने को मना करते हैं।

ऐसे सपने देखते हो जिनसे पिताजी तक डरते हैं।।

मेरे राजा, मेरे बेटा, अच्छे बच्चे कहना मानते हैं।

तुम्हारे पिताजी, मरीन इंजिनीयरिंग की एक एक चीज जानते हैं।।

बेटे इस लाइन में बहुत रगड़ाई है।

मेहनत बहुत है, हार्डकोर पढ़ाई है।।

जब 6-6 घंटे तक लगातार ई.डी. बनायेगा,

और बसों में धक्के खाकर, हुगली वर्कशॉप जायेगा,

क्या तू सुबह-सुबह पी.टी. के लिये उठ पायेगा।

और इतने पर भी जब शाम को रोज मार्चिंग जायेगा,

तब तेरे को तेरा बाप याद आयेगा।।

स्टॉकिंग्स नीचे जाते ही सी.एम. कट जायेंगे।

छोटी छोटी बात पर ओ.आई.सी. बैक टाइम लगायेंगे।।

बेटा, तू मुझे देख और कुछ सीख,

शिप पे होता हूँ तो घर की याद आती है।

और घर पे रोलिंग-पिचिंग के बिना नींद नहीं आती है।।

आज मेरी अपनी बीवी मेरा कहना नहीं मानती।

अड़ोसी-पड़ोसियों की बीवियाँ भी मुझे नहीं जानतीं।।

बेटे अगर मेरे चेहरे में तुझे तेरा बाप नज़र आता है,

और उस बाप पे तुझे थोड़ा भी तरस आता है,

तो बेटा मेरी मान, ये सपना छोड़ दे।

अपना स्टीयरिंग गीयर 35 डिग्री पोर्ट साइड मोड़ दे।।

पुत्र-

पिताजी! आप भी कैसी अजीब-अजीब सी बात करते रहते हैं।

जब देखो तब, लोगों को डसते रहते हैं।।

ये जो बार बार आप अपने दुखों की दुहई देते हैं,

और उसमें अपने प्रोफेशन को घसीट लेते हैं,

ये एक मर्द की पहचान नहीं है।

बताओ आज किस प्रोफेशन में दुखी इंसान नहीं है।।

जब से आपको बाप माना है, जिंदगी में सिर्फ इतना जाना है,

जान हथेली पर रखकर खेलता हूँ। आप क्या जानो आपको कैसे झेलता हूँ।।

और सुनिये,

6 घंटे तक ई.डी. तो दो चार ही बनाते हैं।

बाकी तो सिर्फ नेम प्लेट से ही काम चलाते हैं।।

छोटी छोटी बात पर अगर सी.एम. नहीं कटवाऊँगा,

तो क्या एफ.पी.ओ. पर पी.जी.एम. नहीं ले जाऊँगा।।

माना कि लाइफ में थोड़ा पेन है।

पर कम से कम जॉब तो सर्टेन है।।

विद आऊट टैक्स वाइट मनी कमा सकते हैं।

फ्री में विदेश घूम कर आ सकते हैं।।

फालतू में इस प्रोफेशन को क्यों कोसते हैं।

मन में ढूँढने के बजाय बाहर शांती खोजते हैं।।

और आप जो बीवी की बात करते हैं।

तो पत्नी के आगे तो बड़े बड़े पानी भरते हैं।।

अरे पिताजी यही तो एक मात्र ऐसा प्रोफेशन है।

जिसमें कम से कम 6 महीने तो बीवी से एक्सेम्पशन है।।

पिताजी! ये दरअसल मेरे प्यार की परीक्षा है।

ये मेरी नहीं, मेरी गर्लफ्रेंड की इक्छा है।।

वो तो उसके नैन सिर्फ मुझसे लड़े हैं।

वरना मरीन इंजिनीयर बनने को तो जाने कितने खड़े हैं।।

अगर आज पी.टी. और मार्चिंग से घबराऊँगा।

तो आपकी तरह अरेंज्ड मैरिज के चक्कर में फंस जाऊँगा।।

प्यार की तो पहली ही शर्त कुर्बानी है।

तभी तो मैंने मरीन इंजिनीयर बनने की ठानी है।।

-----------------------------------------------------------------------------------------------