Tuesday, November 24, 2009

सचिन बनाम तेंदुल्कर

इन दिनों एक अलग किस्म की लड़ाई चालू है। सचिन बनाम तेंदुल्कर। कहते हैं कि कबीर के मरने के बाद, हिंदुओं और मुसलमानों ने बड़ी लड़ाई लड़ी। हिंदू उनके शरीर को जलाना चाहते थे और मुसलमान दफनाना। कुछ ऐसा ही आजकल सचिन तेदुंल्कर के साथ भी चल रहा है, फर्क सिर्फ इतना है कि लोग शायद भूल गये हैं कि सचिन तेदुंल्कर अभी भी जिंदा हैं।
इस बार मुद्दा ये है कि लोग साफ तौर पर जानना चाहते हैं कि सचिन, तेंदुल्कर हैं या तेंदुल्कर, सचिन ? कौन बनेगा करोड़पति का गेम चालू है और एक करोड़ रुपये के लिये आखिरी प्रश्न है कि सचिन तेंदुल्कर क्या हैं ?
ऑप्शन ए) सचिन।
ऑप्शन बी) तेदुंल्कर।
उत्तर में केवल यही दो ही ऑप्शन्स हैं और कम्प्यूटर पर बैठे सचिन तेदुंल्कर पूरी तन्मयता से सोच रहे हैं कि वो सचिन हैं या तेंदुल्कर। और वो क्या, आज तो हमारे पूरे देश के सामने अहम मुद्दा ही ये है तभी तो देश के सारे बड़े नेता, तमाम अखबार और छोटे बड़े न्यूज़ चैनल पर एक ही डिस्कशन चालू है कि सचिन – सचिन हें कि तेंदुल्कर- तेंदुल्कर ? और अनगिनत ट्रॉफी जीतने वाले सचिन तेंदुल्कर, खुद एक ट्रॉफी की तरह शोकेस में पड़े पड़े इंतजार कर रहे हैं इस राष्ट्रव्यापी फैसले का।
इस वाकया से हमें हमारी जवानी के दिनों के वो दिन याद पड़ते हैं जब दाढ़ी-मूँछों का रौंआ भर आया होगा और हमने मौहल्ले के सारे लौंडे-लपाटों को इकट्ठा कर के टोली बनाई और मौहल्ले की लड़कियों के माईबाप हो गये। मजाल क्या जो कोई हमारे मौहल्ले की लड़की को आँख उठाकर भी देख ले। हमारे मौहल्ले की लौंडिया है हम छेड़ेंगे और कोई क्यों छेड़े ? लड़कियों के स्वामित्व की इस लड़ाई में जाने कितने मर खप गये पर लड़कियों को तो कभी खबर भी न हुई। जैसे – जैसे दाढ़ी मूँछ का रौंआ घना हुआ, वो लड़ाई तो खत्म हो गयी, अब ये नयी लड़ाई शुरु हुई है। फिक्र इसी बात की है अब ये लड़ाई करने वाले रौंयेदार दाढ़ी-मूँछ के लौंडे नहीं हैं, बल्कि पकी पकाई दाढ़ी-मूँछ वाले आदमी हैं। भगवान जाने ये लड़ाई कब खत्म होगी ?

3 comments:

Sanchit421 said...

dude.....ekdum dude article hai...of the level of raag darbari kindof satire.....sabse acchi baat bilkul khincha nahin lagta....last line ko thoda modify kar maybe ending punch aur zabardast kiya ja sakta hai....beech main naam ke upar punches super hain ....

piyush said...

yeh bahut sahee hai.....

vinsone said...

Good One Dear !!

Insaan ki pehchaan uski insaaniyat se honi chahiye uske karam se honi chahiye...