Sunday, August 8, 2010

समझे?

हम समझे-

कि तुम समझे।

और, तुम समझे-

कि हम समझे।

पर हकीकत में,

हकीकत को,

ना तुम समझे,

ना हम समझे।


समझते जो,

हकीकत को,

अगर एक-दूसरे की तो,

समझते-

कि समझने से,

कभी बढ़कर,

समझाना नहीं होता।


समझाकर, समझ अपनी,

हमको,

समझते थे तुम,

कि समझदारी,

से जिम्मेदारी,

अपनी निभाई तो थी।

समझदार, अपनी समझ में,

पर हम भी कम ना थे।

समझाने से,

अपनी समझ को,

इसलिये हम भी ना हटे।


समझाकर तुम्हें,

समझा ये हमने-

कि तुम समझ गये,

और तुम समझे यूँ बैठे थे –

कि शायद, हम समझ गये।

पर हकीकत में,

हकीकत को,

ना तुम समझे,

ना हम समझे।

3 comments:

Rahul said...

Amazing! Bahut achchhi rachna...

Unknown said...

Suparb thought, sir i m yr big bigger biggest biggestest fan........

vinsone said...

Koi Samjhe Ya Na Samjhe Par Hum Aapko Samajh Gaye Vineet Bhaiji !!