Thursday, May 24, 2012

राजा का चुनाव है।

जंगल पूरा व्यस्त है,
जंतु हर पस्त है।
आव है ना ताव है,
राजा का चुनाव है।
राजा जिसपे गर्व हो,
राम-राज्य सर्व हो।

राजा कोई शेर हो,
गर कोई अंधेर हो,
राजा लड़ तो जायेगा,
जंगल को बचायेगा।

पर राजा शेर जो,
सनका किसी बेर जो,
सबको खा जायेगा,
कौन रोक पायेगा। 

राजा कोई चीता हो,
माईनोरिटी से जीता हो,
ताकत भी है तेज भी,
सेक्यूलर इमेज भी।

चीता पर जीता गर,
जायेगा फजीता बढ़,
माईनोरिटी जो जीतेगी,
मेजोरिटी छाती पीटेगी।

राजा कोई बकरी हो,
सालों से जो जकड़ी हो,
शोषित है, कमजोर भी,
पिछड़ों की सिरमौर भी।

पर राजा, बकरी प्यारी हो,
और हाथी की सवारी हो,
लुक नहीं आयेगा,
हाथी भाग जायेगा।

राजा कोई गधा हो,
बोझ तले लदा हो,
श्रमिक का उत्थान हो,
सम्यता का गान हो।

गधा पर जो राजा बन,
तोड़े गद्दी बन ठन,
बोझा कौन ढोयेगा,
जंगल पूरा रोयेगा। 

राजा हो बस नाम का,
नहीं किसी भी काम का,
कुरसी पर सजा करे,
खाये और मजा करे।

राजा जिसपे गर्व हो,
राम-राज्य सर्व हो।
जंगल जाये भाड़ में,
आग लगे झाड़ में,
आव है ना ताव है,
राजा का चुनाव है।

3 comments:

subhash said...

Awesome yaar , good one keep it up

Praveen said...

Good One yaarr...mast hai

yogesh dhyani said...

bahut khoob vineet.